
भारतीय नौसेना में शामिल हुए INS उदयगिरि-हिमगिरि युद्धपोत, (फोटो साभार: X@ZeeBusiness)
भारतीय नौसेना में मंगलवार को दो नए युद्धपोतों को एक साथ सेवा में शामिल कर लिया गया। नीलगिरि क्लास के स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट- आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक कार्यक्रम के दौरान नौसेना को सौंपा। दोनों जहाज प्रोजेक्ट-17 अल्फा (P-17A) के तहत बनाए गए हैं और इनमें 75 फीसदी से ज्यादा उपकरण स्वदेशी है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों ही पोतों के निर्माण में स्वदेशी तकनीक और उद्योग का बड़ा योगदान रहा। इन्हें बनाने में 200 से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग जुड़े रहे, जिनसे 4000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला, साथ ही 10 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा हुए। इन दोनों जहाजों को नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट में शामिल किया जाएगा। इससे भारत की हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी क्षमता और मजबूत होगी।
#WATCH | विशाखापट्नम, आंध्र प्रदेश: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “… गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित INS हिमगिरि और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित INS उदयगिरि दोनों आधुनिक युद्धपोत हैं जिनका निर्माण स्वदेशी तौर पर किया गया है…… pic.twitter.com/GRRWlWH6Oa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2025
आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस हिमगिरी प्रोजेक्ट 17A के तहत बनी नीलगिरी-क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स का हिस्सा हैं। यह प्रोजेक्ट शिवालिक-क्लास (प्रोजेक्ट 17) का उन्नत संस्करण है, जिसमें पहले से बेहतर तकनीक, हथियार और सेंसर सिस्टम शामिल हैं। दोनों ही युद्धपोत किसी भी तरह के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं।
नौसेना ने बताया, कि दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टेल्थ तकनीक, हथियार और सेंसर सिस्टम में जबरदस्त सुधार किया गया है। इन दोनों युद्धपोतों का निर्माण देश के दो बड़े शिपयार्ड्स ने किया है। हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ने बनाया है जबकि उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉ शिपबिल्डर्स ने तैयार किया है। ये जहाज किसी भी तरह के समुद्री मिशन को पूरा करने में सक्षम हैं।