
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, फोटो साभार : (ANI) फाइल चित्र
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन विधानसभा भवन भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आगामी 19 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से रिक्त चल रहे संसदीय कार्य मंत्री का पद की जिम्मेदारी धामी सरकार ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को सौंपी है।
बता दें, कि मानसून सत्र के लिए सिर्फ एक सप्ताह का समय शेष बचा है, लेकिन सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री का दायित्व किसी को नहीं सौंपा था। हालांकि बुधवार 13 अगस्त की शाम को इन सभी चर्चाओं पर विराम लग गया और धामी सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ आदेश जारी कर दिए गए है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, “उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के वर्ष 2025 के द्वितीय सत्र की शुरुआत 19 अगस्त (मंगलवार) से होने जा रही है। इस सत्र में मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों से प्राप्त होने वाले सभी विधायी एवं संसदीय प्रश्नों के उत्तर देने तथा आवश्यक कार्यों के लिए मंत्री सुबोध उनियाल को प्राधिकृत किया गया है।
देहरादून
➡ सुबोध उनियाल को संसदीय कार्यमंत्री का ज़िम्मा
➡ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सौंपी जिम्मेदारी
➡ आगामी द्वितीय सत्र के लिए CM ने किया अधिकृत
➡ विभागों से जुड़े सवालों के उत्तर देंगे सुबोध उनियाल#Dehradun #SuvodhUniyal #ParliamentaryMinister #PushkarSinghDhami… pic.twitter.com/mKoAJT2BRQ— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) August 13, 2025
गौरतलब है, कि राज्य सरकार ने प्रदेश में हो रही भारी बारिश और जगह-जगह भूस्खलन व प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के बीच मानसून सत्र भराड़ीसैंण में कराने का फैसला लिया है। सत्र 19 से 22 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र के लिए पूरी सरकार व विधायकों के अलावा अधिकारियों व कर्मचारियों और सुरक्षा बल के जवान को भी भराड़ीसैंण पहुंचना है। ऐसे में भराड़ीसैंण में सत्र करवाना बड़ी चुनौती है।
वहीं मानसून सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली है। सत्र के लिए अब तक विधानसभा सचिवालय को पक्ष-विपक्ष के विधायकों से 545 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। हाल ही में उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा राज्य में इस वक्त बड़ा मुद्दा है। ऐसे में जिसमें आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और पुनर्स्थापना एक बड़ा विषय रहेगा।