पहाड़ी सड़को पर संभागीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) ने पहली बार गाड़ियों की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी है। बीते मंगलवार को ईसी रोड स्थित कैम्प कार्यलय में मंडलायुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में हुई आरटीए की बैठक में बड़ी बसों से लेकर सिटी बस, ई-रिक्शा संचालन, नए रूटों को अनुमति, गति सीमा निर्धारण समेत अन्य अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गति निर्धारण वाले फैसले का सीधा असर देहरादून समेत टिहरी व उत्तरकाशी जनपद के रूटों पर पड़ेगा। संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव / संभागीय परिवहन अधिकारी सुशील कुमार के मुताबिक,पर्वतीय रूटों पर गति सीमा के निर्धारण के लिए परिवहन, लोनिवि व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया, कि अब गति सीमा के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद सभी साइन बोर्ड को बदला जायेगा। नागरिकों की जानकारी के लिए नए साइन बोर्ड पर नई गति सीमा दर्ज की जाएगी और इसी के अनुसार चालान व अन्य कार्रवाई की जाएगी। पर्वतीय रूटों पर वाहनों की प्रकृति के हिसाब दोपहिया के लिए 20 और कार के लिए अधिकतम 45 किलोमीटर प्रति घंटे की गति निर्धारित की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ई-रिक्शा के बेलगाम संचालन को व्यवस्थित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया गया है। गौरतलब है, कि शहरों में ई-रिक्शा का अनियंत्रित संचालन यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बन गया है। कमेटी यह तय करेगी, कि ई-रिक्शा का संचालन क्षेत्र क्या होगा और इनकी संख्या भी निर्धारित की जाएगी।