
सुपरस्टार मोहनलाल, (चित्र साभार: X@imbpratap)
मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। बता दें, कि मोहनलाल ये अवॉर्ड पाने वाले दूसरे मलयालम अभिनेता हैं। इससे पहले फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन को वर्ष 2004 में इस सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है।
मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए लिखा कि वो पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, कि मोहनलाल मलयालम सिनेमा और थिएटर के चमकते सितारे हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी शानदार काम किया है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा प्रेरणादायक है।
Shri Mohanlal Ji epitomises excellence and versatility. With a rich body of work spanning decades, he stands as a leading light of Malayalam cinema, theatre and is deeply passionate about the culture of Kerala. He has also delivered remarkable performances in Telugu, Tamil,… https://t.co/4MWI1oFJsJ pic.twitter.com/P0DkKg1FWL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2025
अभिनेता मोहनलाल ने पीएम मोदी के बधाई संदेश के जवाब में लिखा, “दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाकर मैं बेहद विनम्र और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के स्नेहपूर्ण शब्दों और आशीर्वाद के लिए मैं उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”
बता दें, कि मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1980 में ‘मंजिल विरिंजा पूक्कल’ फिल्म से की थी। इस फिल्म में उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई थी। इसके बाद मोहन लाल ने एक्शन, सस्पेंस और एक्शन जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय कर दर्शको के दिलों में अलग जगह बनाई। उन्होंने 400 से अधिक फिल्मो में काम किया हैं, जो एक रिकॉर्ड है।
मोहनलाल ने ‘राजाविंते माकन’, ‘कीरीदम’, ‘भारतम’, ‘विरस्म’, ‘वंशम’ और ‘दृष्टिकन’ जैसी बेहतरीन फिल्मो में अभिनय किया, जिसने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। मोहनलाल को आखिरी बार ‘हृदयपूर्वम’ फिल्म में देखा गया था। इससे पहले वो ‘थुडारम’ और ‘एल 2 एम्पुरान’ में भी नजर आ चुके हैं। ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थीं और इन्हें दर्शकों ने भी खूब पसंद किया था।
मोहनलाल ने अभिनेता, निर्देशक-निर्माता और केरल की संस्कृति के प्रति उनके समर्पण के रूप में कई दशकों तक सिनेमा को समृद्ध किया है। उन्होंने अपने चार दशकों से भी अधिक लंबे फिल्मी करियर में अपनी बेहतरीन अदाकारी, विलक्षण प्रतिभा और विभिन्न तरह की भूमिकाओं से न केवल मलयालम सिनेमा बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत में सुनहरा अध्याय लिखा है।