
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा धर्म परिवर्तन के सम्बन्ध में आदेश को लेकर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ‘लव जिहाद’ के मामलों की रोकथाम के लिए क़ानून बनाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी द्वारा कहा कि हमारी सरकार इस मामले में कानून बनाएंगे और मैं तमाम उन लोगों को चेतावनी देता हूं जो हमारी बहनों के साथ पहचान छिपा उनके नारी सम्मान को ठेस पहुंचने का प्रयास करते हैं।
जानकारी के लिए आपको बाते दे एक दिन पूर्व ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा धर्म परिवर्तन के सम्बन्ध में एक ऐतिहासिक आदेश सुनाया था। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश में कहा गया था कि मात्र शादी के लिए किसी भी नागरिक का धर्म परिवर्तन मान्य नहीं है। न्यायालय द्वारा यह भी कहा कि धर्म परिवर्तन का उद्देश्य अलग है उसका विवाह से कोई सरोकार नहीं है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 2014 के नूर जहां बेगम मामले के आधार पर आदेश करते हुए कहा कि इस प्रकार के मामले में न्यायालय पूर्व के निर्णय में साफ़ कर चुका है कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन स्वीकार्य नहीं हो सकता है।
आपको बता दे नूर जहां बेगम केस में दाखिल याचिका में पूछे गए सवाल के अनुसार क्या मात्र शादी के लिए धर्म परिवर्तन को मान्यता दी जा सकती है? जिन युवतियों ने मुस्लिम युवको के मात्र कहने भर से अपना धर्म बदल के इस्लाम धर्म कबूल किया है जबकि धर्म परिवर्तन करने वाले को न तो उस मजहब के बारे में मूलभूत ज्ञान था ना ही इस विषय में कोई जानकारी होती है।