
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के 75वें सत्र की आम सभा को संबोधित करते हुए कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति पर कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरी दुनिया कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। परन्तु इस परिस्थिति में महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है?
Addressing the @UN General Assembly. https://t.co/dvWANn20Mg
— Narendra Modi (@narendramodi) September 26, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां दुनिया की 18 प्रतिशत से ज्यादा कि आबादी रहती है। भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ संप्रदाय हैं अनेकों विचारधाराएं हैं।
भारत देश ने दशकों से अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और वर्षों की गुलामी का काल दोनों को देखा है। जिस देश में हो रहे परिवर्तनों का प्रभाव दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर पड़ता है। उस देश को आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र से अलग रखा जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान ग्लोबल अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सार्थक कदम होगा भारत द्वारा ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।
पीएम मोदी बोले यह बात उचित है कि अभी तक तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ है परन्तु इस बात से इंकार भी नहीं किया सकता है कि अनेकों युद्ध और गृहयुद्ध में साथ ही आतंकी हमलों में खून की नदियां बहती रहीं। इन युद्धों में मारे गए लोग हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे। लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया देखनी थी परन्तु वो दुनिया छोड़ कर चले गए। कितने ही लोगों को अपने जीवन भर की पूंजी गंवानी पड़ी और अपने सपनों के घर को मजबूरन छोड़ना पड़ा। उस वक्त और आज के समय में क्या संयुक्त राष्ट्र द्वारा किये प्रयास पर्याप्त थे?
भारत के नागरिक संयुक्त राष्ट्र के रिफॉर्म्स को लेकर जो कार्रवाही चल रही है उसके पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।