
भारत और चीन के बीच लद्दाख में नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने को लेकर सोमवार को हुई कमांडर स्तर की छठे दौर की वार्ता के बाद आज मंगलवार को को भारतीय सेना की तरफ से जारी किए गए बयान में एकतरफा कार्रवाई नहीं करने और दोनों देशों की सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों का जमावड़ा नहीं करेंगे। इसके साथ ही दोनों राष्ट्र जल्द ही सातवें दौर की वार्ता करने को सहमत हो गए हैं।
वही इस मामले को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत दोनों मोर्चे पर अधिक सैनिकों को भेजने से रोकने को लेकर सहमत हो गए हैं और ऐसी किसी भी कार्रवाई को करने से बचने पर सहमति जताई जिसके कारण स्थिति को जटिल बना सकती है।
दोनों देशों के बीच लंबे समय से बने तनावपूर्ण माहौल को सामान्य बनाने को लेकर बैठकों का दौर जारी है। इस बीच सीमा विवाद को लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान सामने आया है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि देशों के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है महत्वपूर्ण ये है कि मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से सुलझाया जाए।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भले ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि चीन किसी भी देश के साथ किसी भी तरह का युद्ध नहीं लड़ना चाहता परन्तु चीन की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है।
वहीं दूसरी तरफ दक्षिणी चीन सागर में चीन की घुसपैठ के चलते फिलीपींस, इंडोनेशिया और वियतनाम समेत कई देश तो पहले से ही परेशान रहते हैं। इसका जबाब देने के लिए बीते दिनों में अमेरिका ने दक्षिणी चीन सागर में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर दी हैं।
लद्दाख में चीन ने जिस तरह से आक्रामक रुख दिखाने का प्रयास कर रहा है हैं वह उसकी कुटिलता को दर्शाता है। रक्षा विशेषज्ञों का विचार है कि अभी भी नियंत्रण रेखा पर चीन से मुकाबले का खतरा समाप्त नहीं हुआ है।