
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की भीषण पराजय के साथ ही उनके सियासी भविष्य को लेकर भी तमाम अटकलों का दौर शुरू हो गया है। उत्तराखंड चुनाव में मिली हार हरीश रावत के साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए भी एक बड़ा झटका मानी जा रही है। 2017 में दो सीटों पर मिली हार का बदला लेने चुनावी मैदान में उतरे हरीश रावत अपने मिशन में कामयाब नहीं हो पाए। हरीश रावत के अनुसार, अब इन बातों पर मंथन करने का वक्त आ गया है, कि वे जिन मुद्दों को उठाते रहे है, क्या वह उत्तराखंड की जनता के वास्तविक मुद्दे थे भी या नहीं।
मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम पर मुझे मुस्लिम परस्त बताया गया : हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश ने कहा, कि उन्होंने उत्तराखंडियत के मुद्दे उठाए, रोजगार, भ्रष्टाचार और गैरसैंण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। हरीश रावत के अनुसार, वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी के विषय को अपनी ओर से यहीं पर खत्म करना चाहते है। उन्होंने कहा, कि कुछ ताकतें उन्हें केवल मुस्लिम परस्त घोषित करना चाहती है। अपने फेसबुक पेज पर हरीश रावत ने लिखा है, कि कांग्रेस ने इस बार चुनाव जीतने के लिए व्यूह रचना की थी, लेकिन कुछ ताकतों ने इसे मुस्लिम अस्त्र चलाकर नाकाम कर दिया। उन ताकतों को पता चल गया था, कि बिना कोई मुस्लिम अस्त्र खोजे बिना उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अस्त्र उन्हीं का गढ़ा हुआ है।
हरीश रावत ने कहा, कि इस संबंध में उन्होंने एफआईआर दर्ज करवा दी है। उन्होंने कहा, कि नकली अखबार और झूठा समाचार छापकर भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अस्त्र का उपयोग हमारी व्यू रचना को ध्वस्त करने में किया है, और अब वह हरीश रावत की राजनीति को भी ध्वस्त करना चाहते है। हरीश रावत ने कहा, कि उनकी नवनिर्वाचित विधायक बेटी अनुपमा ने भी एक एफआईआर दर्ज कराई है, कि जिसे एक झूठा बयान गढ़कर बताया जा रहा है, कि मैं केवल मुसलमानों के वोट से विजयी हुई हूँ, जबकि हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उन्हें अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है।
लालकुआं क्षेत्र के लोगो से मांफी मांगी
कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश जारी करते हुए लिखा, मैं लालकुआं क्षेत्र के लोगों से (बिंदुखत्ता, बरेली रोड के सभी लोगों से) क्षमा चाहता हूँ, कि मैं उनका विश्वास अर्जित नहीं कर पाया और जो चुनावी वादे मैंने उनसे किए, उनको पूरा करने का मैंने अवसर खो दिया है। हरीश रावत ने कहा, कि बहुत अल्प समय में आपने मेरी ओर स्नेह का हाथ बढ़ाने का प्रयास किया और मैं अपने आपको आपके बढ़े हुए हाथ की जद में नहीं ला पाया। कांग्रेसजनों ने अथक परिश्रम कर मेरी कमजोरियों को ढंकने और जनता के विश्वास को मेरे साथ जोड़ने का प्रयास किया।