
(फोटो साभार: ट्रिब्यून इंडिया)
भगोड़े नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है, ब्रिटेन के हाई कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण रोकने की माँग वाली याचिका को खारिज किये जाने के बाद बैंकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाकर फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारतीय एजेंसियाँ प्रत्यर्पित कराकर देश वापस ला सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे की अदालत ने नीरव मोदी की प्रत्यर्पण रोकने की अपील वाली याचिका को खारिज कर दिया है। ब्रिटेन की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए सख्त लहजे में कहा, कि नीरव का भारत प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण नहीं है। प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के साथ ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव को लाने के लिए भारतीय एजेंसियाँ आगे की कार्रवाई में लग गई हैं।
UK HIGH COURT DISMISSES NIRAV MODI’S APPEAL IN EXTRADITION MATTER pic.twitter.com/sAHpSjvA4W
— Atulkrishan (@iAtulKrishan) November 9, 2022
इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रॉबर्ट जे ने कहा था, कि भारत और ब्रिटेन के अच्छे संबंध है। ऐसे में ब्रिटेन को 1992 की भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि का सम्मान करना जरूरी है। बता दें, हाईकोर्ट से पहले ब्रिटेन की निचली अदालत ने भी भगोड़े नीरव मोदी को भारत को सौंपने का निर्णय सुनाया था। इसके बाद नीरव ने अपने बचाव में हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
उल्लेखनीय है, कि बैंको में धोखाधड़ी माममे में फरार नीरव मोदी को भारत लाने का प्रयास एक लंबे वक्त से हो रहा है। वहीं, अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए नीरव मोदी अलग-अलग प्रपंच रच रहा है। नीरव के वकीलों ने ब्रिटेन की अदालत को बताया था, नीरव डिप्रेशन का शिकार है, और वह भारत की जेल में सुसाइड कर सकता है।
इसके अलावा नीरव मोदी ने कोर्ट को अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा था, कि भारत में जेलों की हालत बेहद खराब है और वहाँ उसकी हत्या हो सकती है। बता दें, कि अगस्त 2018 में मामले की जाँच कर रही भारतीय एजेंसी ने पहली बार ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अपील की थी।
नीरव मोदी को भारत की विशेष PMLA अदालत ने आर्थिक अपराध अधिनियम, 2018 के अंतर्गत भगोड़ा घोषित किया गया था। एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए नीरव मोदी ब्रिटेन भाग गया था। तीन वर्ष पहले 13 मार्च 2019 को उसे ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने लंदन से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
गौरतलब है, कि ये पूरा घोटाला नीरव मोदी की तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया गया था। नीरव मोदी पर 13,000 करोड़ से ज्यादा की बैंक धोखाधड़ी का केस दर्ज है।
नीरव मोदी ने पीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के जरिये इस जालसाजी को अंजाम दिया था। धोखाधड़ी का यह मामला 29 जनवरी 2018 को सामने आया था। इसके बाद 29 जून 2018 को इंटरपोल की ओर से नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।